Ajit Aksharjivi

 अजीत अक्षरजीवी लेखक बायोग्राफी विथ कविता 

बाबा श्री मार्कंडेय महादेव धाम (कैथी वाराणसी उत्तर प्रदेश ) अपने माता पिता भाई बहन के साथ,, महादेव के दर्शन हेतु 

 


मैं अजीत त्रिपाठी ग्राम बहदिया ब्लॉक सैदपुर जिला गाजीपुर उत्तर प्रदेश,,

पेशा- विद्यार्थी तथा लेखक हूं ब्राह्मण होने के नाते कर्मकांड भी कराता हूं किन्तु मेरा दिलीय इच्छा है कि मैं राष्ट्रीय स्तर का कवि बनू बचपन से ही मेरी यही चाह रही है इस लिए मैं अपने नाम के साथ अक्षरजीवी जोड़ दिया 

अक्षरजीवी अर्थात जिनका लेखन ही जीने का जरिया हो, वजह हो,जीविका हो !

मेरी कुछ पंक्तियां.....


आया है

ख़ाल किसी का

बड़े ही दिनों के बाद...!!

है खालों में जो...क्या हमें भी वो

करते हैं याद ........!

चलो एक ख़त दस्तावेज़ हैं,,

यूक्रेनी से यूक्रेनी को मास्को हैं

आये हैं याद जाने किस कंपनी से..!!

चलो चलते हैं एक बार,

गुज़ारे हुए मसाले से..!!

आईने तो आज के ही हाल,

बयां करते हैं..!!

स्थिति से ढली उम्र को

जवां करते हैं..!!

दोस्तो कहीं और नहीं कहीं

मेरे हमदम..!!

आखिरी उंगली पे हंसी

आखे हाले नाम..!!

इस जहां में जहां कहीं भी,

हाँ तू मेरे यारा

बन के तू रहना

गगन का सितारा,,,

अजीत अक्षरजीवी की कलम से 




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